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1. ब्याज दर (Interest Rate) की तुलना करें – एक ही बैंक पर निर्भर न रहें
हर बैंक अलग ब्याज दर पर लोन ऑफर करता है। कई बार लोग अपने सेविंग अकाउंट वाले बैंक से ही लोन ले लेते हैं, जबकि अन्य बैंक बेहतर डील दे रहे होते हैं।
- पर्सनल लोन: 10% – 24% तक
- होम लोन: 8.5% – 10% तक
- ऑटो लोन: 8% – 12% तक
लोन लेने से पहले कम से कम 3-4 बैंकों की दरें ऑनलाइन तुलना प्लेटफॉर्म पर चेक करें।
2. EMI कैलकुलेशन और Repayment क्षमता चेक करें
लोन लेना आसान है, लेकिन चुकाना मुश्किल हो सकता है अगर EMI आपकी आय से ज्यादा हो जाए।
प्रो टिप: आपकी EMI आपकी मासिक नेट इनकम का 40% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर के देखें कि क्या आप भविष्य में भी इसे आराम से चुका पाएंगे।
उदाहरण के लिए, अगर आपकी इनकम ₹30,000 है तो EMI 12,000-13,000 से ज्यादा न लें।
3. क्रेडिट स्कोर – ब्याज दर पर सबसे बड़ा असर
अच्छा क्रेडिट स्कोर मतलब कम ब्याज दर। 750 से ऊपर स्कोर वाले लोगों को लोन अप्रूवल जल्दी और सस्ता मिलता है।
CIBIL की वेबसाइट या फ्री क्रेडिट स्कोर चेक टूल से स्कोर चेक करें। अगर स्कोर कम है तो पहले उसे सुधारें (क्रेडिट कार्ड बिल टाइम पर भरें, पुराना लोन क्लियर करें)।
4. छुपे हुए चार्ज और शर्तें पढ़ें
कई लोग सिर्फ ब्याज दर देखकर खुश हो जाते हैं लेकिन प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज, लेट फीस जैसी चीजें बाद में पता चलती हैं।
- प्रोसेसिंग फीस: 1% से 3%
- प्री-क्लोजर चार्ज: 2% तक
- लेट EMI चार्ज: ₹500 – ₹1000
लोन एग्रीमेंट की हर लाइन पढ़ें और अगर कुछ समझ न आए तो बैंक से पूछें।
5. लोन का उद्देश्य और उपयोग स्पष्ट करें
लोन तभी लें जब वाकई जरूरत हो। कई लोग शॉर्ट-टर्म खर्चों के लिए लोन लेते हैं और बाद में कर्ज का बोझ बढ़ जाता है।
घर खरीदना, बिजनेस शुरू करना, मेडिकल इमरजेंसी – ये सही कारण हो सकते हैं। लेकिन छुट्टी मनाने के लिए पर्सनल लोन? सोचें, क्या यह वाकई जरूरी है?
लोन लेने से पहले खुद से पूछें ये सवाल
- क्या मेरी नौकरी/बिजनेस स्थिर है?
- अगर इनकम रुक जाए तो क्या मैं EMI दे पाऊँगा?
- क्या EMI मेरे बजट में फिट है?
- क्या लोन के बिना विकल्प मौजूद हैं?
Quick Checklist – बैंक लोन के लिए
- क्रेडिट स्कोर चेक करें
- 3-4 बैंकों की ब्याज दर तुलना करें
- EMI कैलकुलेटर से प्लान बनाएं
- डॉक्यूमेंट्स पहले से तैयार रखें
- एग्रीमेंट पढ़े बिना साइन न करें
निष्कर्ष
लोन फाइनेंशियल आजादी का साधन भी हो सकता है और बोझ भी। फर्क बस इतना है कि आपने लोन लेने से पहले तैयारी की या नहीं। ऊपर बताए गए 5 पॉइंट्स पर ध्यान देकर आप बेहतर डील ले सकते हैं और अनावश्यक तनाव से बच सकते हैं।